बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए दो चरणों में हुए सफल मतदान के बाद आज (14 नवंबर) नतीजों का दिन है। पिछले कई हफ्तों से चल रही चुनावी गहमागहमी का समापन आज मतगणना के साथ होने जा रहा है। बिहार की 243 सीटों पर खड़े 2616 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला कुछ ही घंटों में सामने आ जाएगा।
रिकॉर्ड तोड़ भागीदारी: 1951 के बाद सर्वाधिक मतदान
इस बार बिहार की जनता ने लोकतंत्र के महापर्व में रिकॉर्ड तोड़ भागीदारी दर्ज कराई है। पहले और दूसरे चरण (6 नवंबर और 11 नवंबर) में हुए मतदान का औसत प्रतिशत 67.13% रहा, जो 1951 के बाद हुई सबसे अधिक वोटिंग का रिकॉर्ड है।
इस बार केवल पुरुषों ने ही नहीं, बल्कि महिला मतदाताओं ने भी अपनी बड़ी भागीदारी से सबको चौंका दिया। चुनाव आयोग के आँकड़ों के अनुसार, इस बार के चुनाव में 62.98% पुरुष वोटर्स ने मतदान किया, जबकि 71.78% महिला मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। महिलाओं की यह भारी भागीदारी चुनावी नतीजों को किस दिशा में ले जाती है, यह देखना दिलचस्प होगा।
मतगणना की शुरुआत और एग्जिट पोल का गणित
चुनाव आयोग ने बिहार की 243 सीटों पर हुई वोटिंग की गिनती के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। मतगणना सुबह 8:00 बजे से शुरू हो चुकी है।
दूसरे चरण की वोटिंग के बाद आए एग्जिट पोल्स के नतीजों में मिश्रित परिणाम दिखाए गए थे। अधिकांश पोल्स ने जहाँ एक बार फिर एनडीए सरकार बनने की भविष्यवाणी की, वहीं कुछ पोल्स ने कांटे की टक्कर की संभावना जताई, और कुछ ने महागठबंधन को भी बहुमत के करीब दिखाया। अब एग्जिट पोल के अनुमानों पर सच्चाई की मुहर लगने वाली है।
कड़ी सुरक्षा और पारदर्शिता का इंतजाम
मतगणना की पूरी प्रक्रिया को बेहद सख्त निगरानी में किया जा रहा है ताकि पूरी पारदर्शिता बनी रहे।
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243 विधानसभा क्षेत्रों के लिए 243 रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) और इतने ही मतगणना पर्यवेक्षक मौजूद रहेंगे।
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कुल 4,372 मतगणना टेबल स्थापित की गई हैं।
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प्रत्येक टेबल पर एक मतगणना पर्यवेक्षक, एक सहायक और एक माइक्रो-ऑब्जर्वर तैनात रहेगा।
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उम्मीदवारों की ओर से नियुक्त 18,000 से अधिक एजेंट हर प्रक्रिया पर नजर रखेंगे।
गड़बड़ी होने पर वीवीपैट की गिनती का नियम
पारदर्शिता बनाए रखने के लिए यह सुनिश्चित किया गया है कि ईवीएम की गिनती सीरियल वाइज होगी। हर राउंड में ईवीएम की सील और सीरियल नंबर की जांच एजेंटों के सामने की जाएगी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यदि किसी भी मतदान केंद्र के वोटों की संख्या को फॉर्म 17C में दर्ज आंकड़ों से मिलाते समय किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या अंतर पाया जाता है, तो उस मतदान केंद्र की वीवीपैट (VVPAT) पर्चियों की मैन्युअल गिनती अनिवार्य रूप से की जाएगी।
रिकॉर्ड वोटिंग और कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच, अब पूरे देश को बिहार के जनादेश का इंतजार है।